आप की आँखों का तारा और है
आप की आँखों का तारा और है
क्या हुआ मेरा सहारा और है
इक नदी के दो किनारों की तरह
रास्ता मेरा तुम्हारा और है
जाने अब कैसी ख़बर ये लाएँगी
इन हवाओं का इशारा और है
आप मरहम ही लगाते रह गए
क्या कहें ये दर्द सारा और है
आप की बदली निगाहें कह रहीं
अब नहीं मेरा गुज़ारा और है
पूछने वालों को 'सरहद' ने कहा
मैं नहीं गर्दिश का मारा और है
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