सूरज की तपती धूप ने मारा है इन दिनों

सूरज की तपती धूप ने मारा है इन दिनों

पेड़ों की छाँव का ही सहारा है इन दिनों

हम को भी दिल के दर्द ने मारा है इन दिनों

दर्द-ए-जिगर ग़ज़ल में उतारा है इन दिनों

एहसास बर्फ़ बर्फ़ हैं दिल की ज़मीन पर

यादों की धूप का ही सहारा है इन दिनों

सूखे बदन की ख़ाक पे ग़म की फुवार थी

ये ही सबब है जिस्म में गारा है इन दिनों

ये अश्क अब तो प्यास बुझाने लगे मिरी

ये आबशार अपना सहारा है इन दिनों

ग़म के थपेड़े बीच समुंदर में ले गए

ख़ुशियों का मुझ से दूर किनारा है इन दिनों

'सीमा' की धड़कनें भी तुम्हारी कनीज़ हैं

दिल पर हमारे राज तुम्हारा है इन दिनों

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In Hindi By Famous Poet Seema Sharma Meeruthi. is written by Seema Sharma Meeruthi. Complete Poem in Hindi by Seema Sharma Meeruthi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.