Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_99167f0651fba8acd8c9c3736a5d2916, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
रात दिन आग में पला सूरज - सीमा शर्मा मेरठी कविता - Darsaal

रात दिन आग में पला सूरज

रात दिन आग में पला सूरज

बन चराग़-ए-हरम जला सूरज

ज़िंदगी धूप छाँव दोनों है

हर किसी को सिखा गया सूरज

आज जी भर के धूप खानी है

मुद्दतों बअ'द है उगा सूरज

साँझ से अब विसाल होने को है

सहमा सहमा थका थका सूरज

सामना प्यास से हुआ जब जब

आब की सम्त चल पड़ा सूरज

भूल जा रात का चुभा काँटा

फूल अब तो खिला गया सूरज

कोई मज़हब नहीं लगा इस का

रौशनी इक सी दे गया सूरज

नूर ही नूर है मिरे अंदर

मुझ में 'सीमा' समा गया सूरज

(564) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Seema Sharma Meeruthi. is written by Seema Sharma Meeruthi. Complete Poem in Hindi by Seema Sharma Meeruthi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.