Ghazals of Seema Sharma Meeruthi
नाम | सीमा शर्मा मेरठी |
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अंग्रेज़ी नाम | Seema Sharma Meeruthi |
जन्म स्थान | Noida |
ज़रूर वक़्त ही कुछ चाल चल रहा होगा
ज़र्रे ज़र्रे हैं अक्स के हर-सू
सूरज की तपती धूप ने मारा है इन दिनों
सुनी न दश्त या दरिया की भी कभी मैं ने
रोज़ इक रास्ता बदलता है
रात दिन आग में पला सूरज
पूछ मत कल आइने में क्या हुआ
पैहम जल में रहती हूँ
नक़्श आँखों में उतारा जाएगा
मेरे ख़तों को जलाने से कुछ नहीं होगा
लैला का अगर मुझ को किरदार मिला होता
हक़ीक़त ज़ीस्त की समझा नहीं है
चाँद ख़ुद को देख कर शरमाएगा
बताओ मौत क्या है ज़िंदगी क्या
आसमाँ भी पुकारता है मुझे