सौदा-ए-इश्क़ के तो ख़ता-वार हम नहीं

सौदा-ए-इश्क़ के तो ख़ता-वार हम नहीं

हैं इश्क़ के मरीज़ गुनहगार हम नहीं

हम जो खटक रहे थे तुम्हारी निगाह में

लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नहीं

उस की ख़ुशी के वास्ते ख़ुद को फ़ना किया

फिर भी वो कह रहा है वफ़ादार हम नहीं

दिल में हमारे एक तलातुम सा है बपा

ख़ामोश हैं कि ज़ीनत-ए-अख़बार हम नहीं

तन्हाइयों की हम ने ही दुनिया बसाई है

गोशे में ख़ुद के हैं सर-ए-बाज़ार हम नहीं

सहरा के गर्द-ओ-गर्म ही अब रास आ गए

'सीमा' किसी चमन के रवादार हम नहीं

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In Hindi By Famous Poet Seema Gupta. is written by Seema Gupta. Complete Poem in Hindi by Seema Gupta. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.