मुझे तुम से शिकायत है
कि तुम ने उम्र भर मुझ को
ख़बर ये भी न होने दी
तुम्हें मुझ से मोहब्बत थी
Anwar Masood
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Gulzar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Parveen Shakir
Wasi Shah
Ahmad Faraz
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मैं ने कहा था मुझ को अँधेरे का ख़ौफ़ है
ख़ुद अपने-आप से मिलने की ख़ातिर
मुझ को उस के नहीं ख़ुद मेरे हवाले करते
इक क़यामत का घाव आँखें थीं
जज़्बों पर जब बर्फ़ जमे तो जीना मुश्किल होता है
डिकलाइन
ऐसे कुछ हादसे भी गुज़रे हैं
शिकायत
सर्द होते हुए वजूद में बस
एक आवाज़ मैं ने सुनी थी अभी कौन बोला था ये तो ख़बर ही नहीं
हमारे सानेहे हम को सुना रहे क्यूँ हो
बारिश थी और अब्र था दरिया था और बस