सय्यद ज़िया अल्वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सय्यद ज़िया अल्वी
नाम | सय्यद ज़िया अल्वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sayed Zia Alvi |
रोज़ इक बात मिरे दिल को सताती है 'ज़िया'
उस को देखा तो दिखा कुछ भी नहीं
तेरे तसव्वुरात से बचना है अब मुहाल भी
क़तरे को तुम दरिया कर दो
किसी को कुछ नहीं मिलता है आरज़ू के बग़ैर
दिल-ए-बर्बाद में फिर उस की तमन्ना क्यूँ है
दिल का दिलबर जब से दिल की धड़कन होने वाला है
बिस्तर-ए-हिज्र की शिकनों पे कहानी लिख दे
अश्क पीते रहे हर जाम पे हँसते हँसते
आँख के साहिल पर आते ही अश्क हमारे डूब गए