Ghazals of Sayed Naseer Shah
नाम | सय्यद नसीर शाह |
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अंग्रेज़ी नाम | Sayed Naseer Shah |
तेरी गली में इक दीवाना अक्सर आया करता था
सोख़्ता कश्ती का मलबा मैं मिरा दिल और शाम
सफ़र-ब-ख़ैर प रख़्त-ए-सफ़र न ले जाना
कोई भी लफ़्ज़-ए-इबरत-आश्ना मैं पढ़ नहीं सकता
जो भी तख़्त पे आ कर बैठा उस को यज़्दाँ मान लिया
हस्ब-ए-फ़रमान-ए-अमीर-ए-क़ाफ़िला चलते रहे
हर्फ़-ए-आग़ाज़-ए-सदा-ए-कुन-फ़काँ था और मैं
घुट के रह जाऊँगा बे-एहसास ग़म-ख़्वारों के पेच
ग़ुलाम वहम ओ गुमाँ का नहीं यक़ीं का हूँ
धरती में भी रेंग रही है ख़ून की इक शिरयान