तुम समझ लेते गर परेशानी
तुम समझ लेते गर परेशानी
हम को हो जाती थोड़ी आसानी
कैसा मारा था उस ने हर्फ़ों को
लफ़्ज़ भागे उठा उठा मा'नी
आप की बात को रक़म कर के
हम ने पानी पे लिख दिया पानी
कोई पागल है आ के पूछेगा
आप से आप की परेशानी
डाल दो कुछ हवाओं के सर पे
इतनी अच्छी नहीं है उर्यानी
हम को आना है बीच में उन के
बात बिल्कुल बिगड़ गई या'नी
मेरी दुनिया को लूटने वाली
आग लग जाए तुझ को मर जानी
और कुछ दिन गुज़रने दे मेरे
धूल चाटेगी तेरी ताबानी
ढूँढती है निगाह भगदड़ में
कोई सूरत हो जानी-पहचानी
जिस को लाना है ले के आ जाना
हम खड़े हैं ले दुश्मन-ए-जानी
(604) Peoples Rate This