'सौदा' जो बे-ख़बर है वही याँ करे है ऐश
मुश्किल बहुत है उन को जो रखते हैं आगही
Rahat Indori
Gulzar
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1011) Peoples Rate This
'सौदा' जो तिरा हाल है इतना तो नहीं वो
बार-हा दिल को मैं समझा के कहा क्या क्या कुछ
गर तुझ में है वफ़ा तो जफ़ाकार कौन है
मत पूछ ये कि रात कटी क्यूँके तुझ बग़ैर
ज़ाहिद सभी हैं नेमत-ए-हक़ जो है अक्ल-ओ-शर्ब
हस्ती को तिरी बस है मियाँ गुल की इशारत
दिल के टुकड़ों को बग़ल-गीर लिए फिरता हूँ
'सौदा' ख़ुदा के वास्ते कर क़िस्सा मुख़्तसर
दिल में तिरे जो कोई घर कर गया
कीजिए न असीरी में अगर ज़ब्त नफ़स को
'सौदा' हुए जब आशिक़ क्या पास आबरू का