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आज दीवाने को बे-वज्ह सताया जाए - सरवर नेपाली कविता - Darsaal

आज दीवाने को बे-वज्ह सताया जाए

आज दीवाने को बे-वज्ह सताया जाए

फूल ताज़ा कोई बालों में लगाया जाए

मैं सर-ए-आम पढ़ूँ कोई ग़ज़ल लोगों में

उन की जानिब ही फ़क़त मेरा इशारा जाए

पास हैं वो दिल-ए-बीमार दुआ-गो है अजब

दर्द जाए न मिरा न ही मसीहा जाए

फ़ैसला हस्ब-ए-तबीअत ये मोहब्बत ने किया

इक तरह ग़म हो सलामत ग़म-ए-दुनिया जाए

रोक लें आज तो शाहीन-ए-बुलंदी-ए-ख़याल

आज 'सरवर' के परों को चलो कतरा जाए

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In Hindi By Famous Poet Sarwar Nepali. is written by Sarwar Nepali. Complete Poem in Hindi by Sarwar Nepali. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.