Ghazals of Sarwar Nepali
नाम | सरवर नेपाली |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarwar Nepali |
जन्म की तारीख | 1974 |
जन्म स्थान | dubai |
ज़ौक़-ए-सुख़न को अब तो तेरे आग लगाना अच्छा है
यार की महफ़िल सजी मय की महक छाने लगी
फूल खिले हैं मौसम बदला सहरा के वीरानों का
मोहब्बत में कोई तन्हा सफ़र अच्छा नहीं लगता
जो लोग रह गए हैं मिरी दास्ताँ से दूर
हर पल मैं तड़प कर दम-ए-आख़िर हुआ जाता हूँ
चाँद निकले न कहीं यार पुराने निकले
बात छेड़ो न कोई उस के फ़साने वाली
बा'द मुद्दत के मिरे आँख से आँसू निकले
ऐ ख़्वाब-ए-दिल-नवाज़ न आ कर सता मुझे
आज दीवाने को बे-वज्ह सताया जाए