Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_fe404dfc48ca707e318049443c4d563c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
एक पुल बनाया जा रहा है - सरवत हुसैन कविता - Darsaal

एक पुल बनाया जा रहा है

मैं उन से पूछता हूँ:

पुल कैसे बनाया जाता है

पुल बनाने वाले कहते हैं:

तुम ने कभी मोहब्बत नहीं की

मैं कहता हूँ: मोहब्बत क्या चीज़ है

वो अपने औज़ार रखते हुए कहते हैं:

मोहब्बत का मतलब जानना चाहते हो

तो पहले दरिया से मिलो...

रू-ए-ज़मीन पर दरिया से ज़्यादा मोहब्बत करने वाला कोई नहीं

दरिया अपने समुंदर की तरफ़ बहता रहता है

ये सुपुर्दगी है

ये सुपुर्दगी बचपन है और बचपन बहिश्त...

लेकिन बहिश्त तक पहुँचने के लिए एक जहन्नम से गुज़रना पड़ता है

मैं पूछता हूँ जहन्नम क्या है?

वो कहते हैं: इस सवाल का जवाब दरख़्तों के पास है

कोई भी मौसम हो वो अपनी जगह नहीं छोड़ते

उन्हें मिट्टी से मोहब्बत है

उन्हें परिंदों और चियूँटियों से मोहब्बत है

जो उन के जिस्म में घर बनाती हैं

'घर क्या है?' मैं पूछता हूँ?

वो सब हँसने लगते हैं

पहला मज़दूर कहता है:

अपनी औरत की तरफ़ जाओ

हर सवाल का जवाब मिल जाएगा

(556) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sarvat Husain. is written by Sarvat Husain. Complete Poem in Hindi by Sarvat Husain. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.