Ghazals of Sarshar Siddiqui
नाम | सरशार सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarshar Siddiqui |
जन्म की तारीख | 1926 |
मौत की तिथि | 2008 |
जन्म स्थान | Karachi, Pakistan |
शहर में जब भी ज़ुलेख़ा से ख़रीदार आए
सहरा ही ग़नीमत है, जो घर जाओगे लोगो
मिरे वजूद को उस ने अजब कमाल दिया
मेरे बदन में थी तिरी ख़ुशबू-ए-पैरहन
क्या हुआ हम पे जो इस बज़्म में इल्ज़ाम रहे
ख़याल हिज्र-ए-मुसलसल में आए हैं क्या क्या
ख़ल्वत-ए-ज़ात है और अंजुमन-आराई है
इश्क़ तक अपनी दस्तरस भी नहीं
इक हर्फ़-ए-शौक़ लब पे है और इल्तिजा के साथ
चेहरे को बहाल कर रहा हूँ