Ghazals of Sarfraz Nawaz
नाम | सरफ़राज़ नवाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarfraz Nawaz |
यूँ उड़ाती है जो हवा मुझ को
ये मैं ने माना कि पहरा है सख़्त रातों का
तिरे ख़ुलूस के क़िस्से सुना रहा हूँ मैं
नज़र भी आया तो ख़ुद से छुपा लिया मैं ने
मुझ को होना है तो दरवेश के जैसा हो जाऊँ
मौसमों वाले नए दाना ओ पानी वाले
लड़खड़ाता हूँ कभी ख़ुद ही सँभल जाता हूँ
किसे ख़बर थी कि इस को भी टूट जाना था
एक रस्ते की कहानी जो सुनी पानी से
दिए निगाहों के अपनी बुझाए बैठा हूँ
बला से नाम वो मेरा उछाल देता है