Ghazals of Sarfraz Khalid
नाम | सरफ़राज़ ख़ालिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarfraz Khalid |
जन्म स्थान | Delhi |
तेरे होने से भी अब कुछ नहीं होने वाला
ताबिश-ए-गेसू-ए-ख़मदार लिए फिरता है
सहरा कोई बस्ती कोई दरिया है कि तुम हो
हर लम्हे मैं सदियों का अफ़्साना होता है
अपनी सूरत को बदलना ही नहीं चाहता मैं
आँख ही आँख थी मंज़र भी नहीं था कोई