सरफ़राज़ दानिश कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सरफ़राज़ दानिश
नाम | सरफ़राज़ दानिश |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarfraz Danish |
तिलिस्म तोड़ दिया इक शरीर बच्चे ने
शहर भर के आईनों पर ख़ाक डाली जाएगी
रात की सरहद यक़ीनन आ गई
हम अपने जलते हुए घर को कैसे रो लेते
हमारा शेर भी लौह-ए-तिलिस्म है शायद
ग़म का सूरज तो डूबता ही नहीं
चंद लम्हे को तू ख़्वाबों में भी आ कर झाँक ले
शहर भर के आईनों पर ख़ाक डाली जाएगी
सफ़ीना मौज-ए-बला के लिए इशारा था
लम्हा लम्हा तजरबा होने लगा
इस से पहले कि सर उतर जाएँ
आरज़ूओं की रुतें बदले ज़माने हो गए