अजब सेक्टर-ज़दा कुछ लोग इस बस्ती में रहते हैं
कि जैसे गोलकीपर अपनी अपनी ''डी'' में रहते हैं
चलेगा किस तरह अब इश्क़ लैला और मजनूँ में
वो सेक्टर ''ई'' में रहती है ये सेक्टर ''जी'' में रहते हैं
Javed Akhtar
Habib Jalib
Gulzar
Allama Iqbal
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
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ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत
बजट की कई सख़्तियाँ और भी हैं
कोई ख़ुश-ज़ौक़ ही 'शाहिद' ये नुक्ता जान सकता है
डिश-ऐन्टेना
सुरूर-ए-जाँ-फ़ज़ा देती है आग़ोश-ए-वतन सब को
क़ाबिज़ रहा है दिल पे जो सुल्तान की तरह
राज़-ओ-नियाज़ में भी अकड़-फ़ूँ नहीं गई
लबों में आ के क़ुल्फ़ी हो गए अशआर सर्दी में
ऐसे लगे है नौकरी माल-ए-हराम के बग़ैर
गिरानी का असर
वही मक़्बूल लीडर और डिप्लोमैट होता है
ख़बर है मेरी रुस्वाई की