कहा जब इक खिलाड़ी से कि लग जाए अगर चौका
तो फ़ौरन आप को आऊट हो जाने की आदत है
वो बोला मैं क्रिकेटर भी हूँ और मर्द-ए-मुसलमाँ भी
मुसलमाँ मर्द को बस चार ही रन की इजाज़त है
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Gulzar
Wasi Shah
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(716) Peoples Rate This
राज़-ओ-नियाज़ में भी अकड़-फ़ूँ नहीं गई
क़ाबिज़ रहा है दिल पे जो सुल्तान की तरह
चेहरे चाँद सितारों वाले हेरा-फेरी करते हैं
क्रिकेटर से मुकालिमा
कुछ मह-जबीं लिबास के फैशन की दौड़ में
लबों में आ के क़ुल्फ़ी हो गए अशआर सर्दी में
वही मक़्बूल लीडर और डिप्लोमैट होता है
कुछ लोग रब्त-ए-ख़ास से आगे निकल गए
पागल लड़की
जहाँ सुल्ताना पढ़ती थी
बढ़ती रही हर साल जो तादाद हमारी
गिरानी का असर