'शाहिद'-साहिब कहलाते हैं मिस्टर भी मौलाना भी
हज़रत दो किरदारों वाले हेरा-फेरी करते हैं
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Gulzar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Anwar Masood
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
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बजट की कई सख़्तियाँ और भी हैं
डॉज-महल
ऐसे लगे है नौकरी माल-ए-हराम के बग़ैर
लबों में आ के क़ुल्फ़ी हो गए अशआर सर्दी में
ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत
मुर्ग़ पर फ़ौरन झपट दावत में वर्ना ब'अद में
इस दौर के मर्दों की जो की शक्ल-शुमारी
मोटर-रिक्शा
सारे शिकवे दूर हो जाएँ जो क़ुदरत सौंप दे
वही मक़्बूल लीडर और डिप्लोमैट होता है
अवामुन्नास को ऐसे दबोचा है गिरानी ने