कुछ मह-जबीं लिबास के फैशन की दौड़ में
पाबंदी-ए-लिबास से आगे निकल गए
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Anwar Masood
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Allama Iqbal
Wasi Shah
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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सारे शिकवे दूर हो जाएँ जो क़ुदरत सौंप दे
इस दौर के मर्दों की जो की शक्ल-शुमारी
शादी के जो अफ़्साने हैं रंगीन बहुत हैं
डिश-ऐन्टेना
जदीद-तरीन आदमी-नामा
फ़क़त रंग ही उन का काला नहीं है
मोटर-रिक्शा
ख़बर है मेरी रुस्वाई की
हम ने तो उन्हें जामिआ से नक़्द ख़रीदा
मुर्ग़ पर फ़ौरन झपट दावत में वर्ना ब'अद में
नहले पे दहला