अवामुन्नास को ऐसे दबोचा है गिरानी ने
कि जैसे कैट के पंजे में कोई रैट होता है
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डिश-ऐन्टेना
हम ने तो उन्हें जामिआ से नक़्द ख़रीदा
स्पैशलिस्ट पेन-किलर दे तो कौन सा?
सुरूर-ए-जाँ-फ़ज़ा देती है आग़ोश-ए-वतन सब को
जदीद-तरीन आदमी-नामा
कुछ मह-जबीं लिबास के फैशन की दौड़ में
मुनाफ़ा मुश्तरक है और ख़सारे एक जैसे हैं
दफ़्तर-ए-शादी का मुन्तज़िम
नहले पे दहला
इस दौर के मर्दों की जो की शक्ल-शुमारी
ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत