पागल लड़की
फ़ाख़ेरा तो पागल थी
फैशनों के चक्कर में
यूँ फ़रेब खा बैठी
रंग गोरा करने की
हर दवा मँगा बैठी
थी दवा जो खाने की
वो दवा लगा बैठी
जो दवा लगानी थी
उस दवा को खा बैठी
और इस हिमाक़त में
अपनी जाँ गँवा बैठी
फ़ाख़ेरा तो पागल थी
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