सेंट की कजले की और ग़ाज़े की गुल-कारी के ब'अद
सेंट की कजले की और ग़ाज़े की गुल-कारी के ब'अद
वो हसीं लगती है लेकिन कितनी तय्यारी के ब'अद
मुद्दतों के ब'अद उस को देख कर ऐसा लगा
जैसे रोज़ा-दार की हालत हो अफ़तारी के ब'अद
बाँध कर सहरा नज़र आए है यूँ नौशा-मियाँ
जिस तरह मुजरिम दिखाई दे गिरफ़्तारी के ब'अद
हीरोइन पचपन बरस की हो चुकीं तो ग़म नहीं
अब गुलू-कारी करेंगी वो अदाकारी के ब'अद
क़ौम को बेदार कर डिस्को-म्यूज़िक छेड़ कर
जो बिचारी सो चुकी है राग-दरबारी के ब'अद
ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत
इक ख़रीदारी से पहले इक ख़रीदारी के ब'अद
अक़्द-ए-सानी का मज़ा पूछा तो बोले शैख़-जी
ऐसे लगता है चिकन चक्खा है तरकारी के ब'अद
राह-ए-उल्फ़त की ट्रैफ़िक हो कि मोटर-वे की हो
हादसे होते हैं 'शाहिद' तेज़-रफ़्तारी के ब'अद
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