Ghazals of Sarfaraz Shahid
नाम | सरफ़राज़ शाहिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Sarfaraz Shahid |
वही मक़्बूल लीडर और डिप्लोमैट होता है
शादी के जो अफ़्साने हैं रंगीन बहुत हैं
सेंट की कजले की और ग़ाज़े की गुल-कारी के ब'अद
क़ाबिज़ रहा है दिल पे जो सुल्तान की तरह
मुनाफ़ा मुश्तरक है और ख़सारे एक जैसे हैं
माडर्न हीरें तो ज़र-दारों के हाँ रह जाएँगी
लबों में आ के क़ुल्फ़ी हो गए अशआर सर्दी में
कुछ लोग रब्त-ए-ख़ास से आगे निकल गए
इश्क़ में कुछ इस सबब से भी है आसानी मुझे
चेहरे चाँद सितारों वाले हेरा-फेरी करते हैं
बढ़ती रही हर साल जो तादाद हमारी
ऐसे लगे है नौकरी माल-ए-हराम के बग़ैर