किसी की बेवफ़ाई पर वो अक्सर याद आते हैं
जो देखे थे मिरी आँखों ने मंज़र याद आते हैं
ख़लिश ऐ 'सोज़' दिल की अब तलक मेरे नहीं जाती
जो हाथों में थे यारों के वो पत्थर याद आते हैं
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Habib Jalib
Gulzar
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(714) Peoples Rate This
हम तो अपने दिल पे सारे सानेहे सह जाएँगे
किसी की फिर मिरे दिल पर हुकूमत होती जाती है