Ghazals of Sardar Asif
नाम | सदार आसिफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Sardar Asif |
ये लफ़्ज़ लफ़्ज़ शोला-बयानी उसी की है
ये ख़ल्क़ सारी हवा मेरे नाम कर देगी
ये झूट है कि बिछड़ने का उस को ग़म भी नहीं
न जाने कैसी आँधी चल रही है
मैं जिन को ढूँडने निकला था गहरे ग़ारों में
लाख समझाया मगर ज़िद पे अड़ी है अब भी
लफ़्ज़ों का ये ख़ज़ाना तिरे नाम कब हुआ
ख़ता उस की मुआफ़ी से बड़ी है
हो लेने दो बारिश हम भी रो लेंगे
हमारी काविश-ए-शेर-ओ-सुख़न बे-कार जाती है
ग़ज़ल कहने में यूँ तो कोई दुश्वारी नहीं होती