तुझ से मिलने का रास्ता बस एक
और बिछड़ने के रास्ते हैं बहुत
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Javed Akhtar
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(499) Peoples Rate This
ख़रगोश की सरगुज़िश्त
इक याद की मौजूदगी सह भी नहीं सकते
मैं तेरे ज़ुल्म दिखाता हूँ अपना मातम करने के लिए
एक कुत्ता नज़्म
वो सख़ी है तो किसी रोज़ बुला कर ले जाए
मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं
रूह में रेंगती रहती है गुनह की ख़्वाहिश
छुप के मिलने आ जाए रौशनी की जुरअत क्या
रेत की सूरत जाँ प्यासी थी आँख हमारी नम न हुई
दुनिया पे अपने इल्म की परछाइयाँ न डाल
मैं तो ख़ुदा के साथ वफ़ादार भी रहा
मौत की ख़ुशबू