साक़ी अमरोहवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का साक़ी अमरोहवी
नाम | साक़ी अमरोहवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Saqi Amrohvi |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़िंदगी भर मुझे इस बात की हसरत ही रही
तू नहीं तो तिरा ख़याल सही
मुझ को क्या क्या न दुख मिले 'साक़ी'
में अब तक दिन के हंगामों में गुम था
मदरसा मेरा मेरी ज़ात में है
कितने ही ग़म निखरने लगते हैं
ख़्वाब था या शबाब था मेरा
दर-ब-दर होने से पहले कभी सोचा भी न था
ज़िंदगी भर मैं सरगिरानी से
शरह-ए-ग़म हाए बे-हिसाब हूँ मैं
सामने जब कोई भरपूर जवानी आए
मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा
कौन पुर्सान-ए-हाल है मेरा