मज़हब की किताबों में भी इरशाद हुआ मैं
मज़हब की किताबों में भी इरशाद हुआ मैं
दुनिया तिरी ता'मीर में बुनियाद हुआ में
सय्याद समझता था रहा हो न सकूँगा
हाथों की नसें काट के आज़ाद हुआ मैं
उर्यां है मिरे शहर में तहज़ीब की देवी
मंदिर का पुजारी था सो बरबाद हुआ मैं
मज़मून से लिखता हूँ कई दूसरे मज़मूँ
दुनिया ये समझती है कि नक़्क़ाद हुआ मैं
हर शख़्स हिक़ारत से मुझे देख रहा है
जैसे किसी मज़लूम की फ़रियाद हुआ मैं
(763) Peoples Rate This