Ghazals of Sanjay Mishra Shauq
नाम | संजय मिश्रा शौक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Sanjay Mishra Shauq |
जन्म स्थान | Lucknow |
देने वाले तुझे देना है तो इतना दे दे
फ़रेब-ए-ख़ूबी-ए-नैरंग देखने के लिए
शबीह-ए-रूह कुछ ऐसे निखार दी गई है
मज़हब की किताबों में भी इरशाद हुआ मैं
कुछ भी समझ न पाओगे मेरे बयान से
ख़राब हो गया जब मेरे जिस्म का काग़ज़
गई नहीं तिरे ज़ुल्म-ओ-सितम की ख़ू अब तक
फ़ज़ा-ए-ज़ेहन की जलती हवा बदलने तक
अमीर-ए-शहर के आँगन में जब उजाले हुए