ग़ैर के दिल में न जा कीजिएगा
ग़ैर के दिल में न जा कीजिएगा
मेरी आँखों में रहा कीजिएगा
कासा-ए-चश्म को ले दर पे तिरे
बे-नवा या न सदा कीजिएगा
ज़ाइरान-ए-हरम-ओ-दैर कभू
मेरे हक़ में भी दुआ कीजिएगा
वाए इस अपनी सियह-बख़्ती पर
ख़ाहिश-ए-ज़ुल्फ़-ए-रसा कीजिएगा
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