सनाउल्लाह फ़िराक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सनाउल्लाह फ़िराक़
नाम | सनाउल्लाह फ़िराक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Sanaullah Firaq |
उँगलियाँ घिस गईं याँ हाथों को मलते मलते
दिल थामता कि चश्म पे करता तिरी निगाह
आना ये हिचकियों का मुझे बे-सबब नहीं
ग़ैर के दिल में न जा कीजिएगा