Rubaais of Sana Gorakhpuri
नाम | सना गोरखपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sana Gorakhpuri |
पूछूँगी कोई बात न मुँह खोलूँगी
मैं उस की पुजारन वो पुजारी मेरा
जब शाम ढली सिंगार कर के रोई
हर शाम हुई सिंगार करना भी है
दो दो मिरे मेहमान चले आते हैं
बाबुल के घर से जब आई उठ कर डोली
आता है जो मुँह में मुझे कह देती हो
आँखों में हया उस के जब आई शब-ए-वस्ल