आँखों में हया उस के जब आई शब-ए-वस्ल
आँखों में हया उस के जब आई शब-ए-वस्ल
पलकों पे पलक उस ने गिराई शब-ए-वस्ल
आलम ये सुपुर्दगी का उस ने देखा
हर उज़्व में आँख मुस्कुराई शब-ए-वस्ल
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आँखों में हया उस के जब आई शब-ए-वस्ल
पलकों पे पलक उस ने गिराई शब-ए-वस्ल
आलम ये सुपुर्दगी का उस ने देखा
हर उज़्व में आँख मुस्कुराई शब-ए-वस्ल
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