Ghazals of Salma Shaheen
नाम | सलमा शाहीन |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Salma Shaheen |
जन्म की तारीख | 1965 |
जन्म स्थान | delhi |
उसे भुला न सकी नक़्श इतने गहरे थे
थी ये उम्मीद कि वो लौट के घर आएगा
तआ'क़ुब मेरा ख़ुशबू कर रही थी
शिकार हो गया वो ख़ुद ही इस ज़माने का
मसअला हुस्न-ए-तख़य्युल का है न इल्हाम का है
हम झुकाते भी कहाँ सर को क़ज़ा से पहले
धूप पीछा नहीं छोड़ेगी ये सोचा भी नहीं
चश्म-ए-नम पहले शफ़क़ बन के सँवरना चाहे
ऐ जान-ए-जाँ तिरे मिज़ाज का फ़लक भी ख़ूब है
अब ख़यालों का जहाँ और न आबाद करें