बड़ी ही अँधेरी डगर है मियाँ

बड़ी ही अँधेरी डगर है मियाँ

जहाँ हम फ़क़ीरों का घर है मियाँ

है फ़ुर्सत तो कुछ देर मिल बैठिए

जुदाई से किस को मफ़र है मियाँ

घरौंदे यहाँ रेत के मत बनाओ

कि सैल-ए-हवा ज़ोर पर है मियाँ

कभी बुत-शिकन थे पर अब ख़ुद-शिकन

ये इल्ज़ाम भी अपने सर है मियाँ

तो फिर कज-कुलाही पे इसरार क्यूँ

अगर संग-बारी का डर है मियाँ

कोई बच निकलने की सूरत नहीं

ये आसेब हर मोड़ पर है मियाँ

तो फिर रुख़ बदलने से क्या फ़ाएदा

मुक़द्दर जब अंधा सफ़र है मियाँ

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In Hindi By Famous Poet Saleem Shirazi. is written by Saleem Shirazi. Complete Poem in Hindi by Saleem Shirazi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.