सलीम मुहीउद्दीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सलीम मुहीउद्दीन
नाम | सलीम मुहीउद्दीन |
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अंग्रेज़ी नाम | Saleem Muhiuddin |
ज़लील-ओ-ख़्वार होती जा रही है
यहाँ वहाँ कुछ लफ़्ज़ हैं मेरे नज़्में ग़ज़लें तेरी हैं
वहशत निगार लम्हे आहू क़तार लम्हे
तू दरिया है और ठहरने वाला मैं
इधर उधर से किताब देखूँ
दश्त की धूप भर गया मुझ में
अक्स हैरान है आइना कौन है
आईनों से धूल मिटाने आते हैं