जुदाई भी न होती ज़िंदगी भी सहल हो जाती
जो हम इक दूसरे से मसअला तब्दील कर लेते
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
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Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Wasi Shah
Anwar Masood
Habib Jalib
Gulzar
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तमाम उम्र सितारे तलाश करता फिरा
दिल तुझे नाज़ है जिस शख़्स की दिलदारी पर
कभी मौसम साथ नहीं देते कभी बेल मुंडेर नहीं चढ़ती
मैं उसे तुझ से मिला देता मगर दिल मेरे
अब जो लहर है पल भर बाद नहीं होगी यानी
'सलीम' अब तक किसी को बद-दुआ दी तो नहीं लेकिन
मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है
तुम ने सच बोलने की जुरअत की
मैं जानता हूँ मकीनों की ख़ामुशी का सबब
चश्म बे-ख़्वाब हुई शहर की वीरानी से
ये लोग जिस से अब इंकार करना चाहते हैं