Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_43736956038129bbea99e07d160bc001, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
पहली नज़्म - सलाहुद्दीन परवेज़ कविता - Darsaal

पहली नज़्म

देवता के गुन गाने वालों उड़ता सूरज क्या है

उड़ता सूरज एक पहेली बड़ी पुरानी

सूना अम्बर जिस को हर दिन दोहराता है

अपरम्पार अँधेरों में वो अन-जानी

मौत की जानिब जादू की नाव पे चढ़ा

दूर बहुत ही दूर को उड़ता जाता है

उड़ता सूरज क्या है भगतो एक रुपहली

शान है चाँदी का शो'ला है

उठती और निखरती खेती पकता फल है

लाल लहू में लहरें लेती गरमाहट है

इस बस्ते संसार में चमकीला दिन है

उड़ता सूरज क्या है कि दो धन है

सोज़ भरी या जलता है अम्बर पे दिया

आसमानों और ज़मीनों के राजा का

दिन और दिन के बीच में आने वाले ठंडे

अँधियारे में दिल को ढारस देने वाला

ध्यान जो फ़व्वारे की सूरत नूर बिखेरे

उड़ता सूरज क्या है आँखो है

बड़े ज्ञानी चित्रकार की जानता है जो

अपने काम के सारे नुक्तों को बातों को

और अम्बर पर साँझ सवेरे खींचता है वो

अपने दिल के बीजों की रंग बिरंगी

जलती और दहकती परतों की तस्वीरें

उड़ता सूरज क्या है आग है

जो संसार के सारे जीने वालों की

रग रग और रेशे रेशे में जलती है

(688) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Salahuddin Parvez. is written by Salahuddin Parvez. Complete Poem in Hindi by Salahuddin Parvez. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.