तुझे मैं मिलूँ तो कहाँ मिलूँ मिरा तुझ से रब्त मुहाल है
तुझे मैं मिलूँ तो कहाँ मिलूँ मिरा तुझ से रब्त मुहाल है
तिरी बज़्म बज़्म-ए-नशात है मिरी बज़्म बज़्म-ए-ख़याल है
तिरा दिल नहीं तिरे हाथ में मुझे देख मैं हूँ गिरफ़्ता-दिल
मिरा जब्र मेरी नजात है ये मिरे हुनर का कमाल है
न तू हम-ज़बाँ न तू हम-ज़माँ मिरा तुझ से कैसा मोआ'मला
मिरा अहद अहद-ए-कमाल-ए-ग़म तिरा अहद अहद-ए-ज़वाल है
मैं हूँ कम-तलब तू है कम-नज़र मैं नवा-ए-दिल तू हवा-ए-दिल
मिरी दस्तरस में हैं कुल ज़माँ तू असीर-ए-लम्हा-ए-हाल है
वो है नक़्द-ए-ज़र तिरी आरज़ू ये है नक़्द-ए-दिल मिरी आरज़ू
तिरा नक़्द रिज़्क़-ए-हराम है मिरा नक़्द रिज़्क़-ए-हलाल है
तिरी जुस्तुजू मिरी गुमरही तिरी इंतिहा मिरी इब्तिदा
तिरी ज़ीस्त तेरा जवाब है मिरी ज़ीस्त मेरा सवाल है
तुझे कारोबार को दिन मिला मुझे काहिश-ए-शब-ए-ग़म मिली
मुझे ख़्वाहिश-ए-ग़म-ए-आगही तुझे ख़्वाहिश-ए-ज़र-ओ-माल है
मुझे सुन तराना-ए-दर्द में मुझे देख चेहरा-ए-ज़र्द में
मुझे ढूँड ग़म की पनाह में कि वो मेरा शामिल-ए-हाल है
मैं हूँ 'बाक़र' ऐसे मक़ाम पर नहीं कम-नज़र का जहाँ गुज़र
ये अजीब मंज़िल-ए-शौक़ है कि न हिज्र है न विसाल है
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