सज्जाद बाबर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सज्जाद बाबर
नाम | सज्जाद बाबर |
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अंग्रेज़ी नाम | Sajjad Babar |
जन्म की तारीख | 1939 |
क्या जाने कब लम्हों की मफ़रूर समाअत लौटे
उधड़े हुए मल्बूस का परचम सा गया है
तो यूँ कहो ना दिलों का शिकार करना है
लफ़्ज़ का कितना तक़द्दुस है ये कब जानते हैं
जलती हवाएँ कह गईं अज़्म-ए-सबात छोड़ दे
हवा में कुछ तो घुला था कि होंट नीले हुए
इक हवा उट्ठेगी सारे बाल-ओ-पर ले जाएगी
इक दर्द सब के दर्द का मज़हर लगा मुझे
धीमी बारिश की लय में अहवाल सुनाते रहना
भटकी है उजालों में नज़र शाम से पहले
बनते रहे हैं दिल में अजब गर्द-बाद से