एक तअल्लुक़ जान के मिलते हैं वर्ना
अपनी ख़ातिर जीना सहल तो होता है
रफ़्ता रफ़्ता हो जाएगी आसानी
हर मैदान में पहला-पहल तो होता है
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
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Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Gulzar
Rahat Indori
Allama Iqbal
Jaun Eliya
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न-जाने कैसी निगाहों से मौत ने देखा
आज सोचा है कि ख़ुद रस्ते बनाना सीख लूँ
कोई इम्काँ तो न था उस का मगर चाहता था
कुछ बे-नाम तअल्लुक़ जिन को नाम अच्छा सा देने में
उस रस्ते पर जाते देखा कोई नहीं है
मुबारकबाद
कुल्लिया
वीडियो गेम
कभी कभी तो अच्छा-ख़ासा चलते चलते
मुश्किल
पंक्चुवेशन
उस के आने की दुआ होती है दिन भर लेकिन