कहानी यूँ अधूरी चल रही है
हमारे बीच दूरी चल रही है
हमें पीछे धकेला जा रहा है
ये कोशिश भी शुऊ'री चल रही है
नहीं सुनना किसी ने शेर कोई
यहाँ पर जी-हुज़ूरी चल रही है
ज़मीं और आसमाँ के दरमियाँ तो
कोई निस्बत ज़रूरी चल रही है
मुकम्मल ज़िक्र उस का हो चुका है
ग़ज़ल फिर भी अधूरी चल रही है