शोर दिन को नहीं सोने देता
शब को सन्नाटा जगा देता है
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Gulzar
Parveen Shakir
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(704) Peoples Rate This
हमें ख़बर है वो मेहमान एक रात का है
जी नहीं आप से क्या मुझ को शिकायत होगी
कैसे जीते हैं ये किस तरह जिए जाते हैं
क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल
रुख़ पे यूँ झूम कर वो लट जाए
'सैफ़' अंदाज़-ए-बयाँ रंग बदल देता है
दर-पर्दा जफ़ाओं को अगर जान गए हम
बे-ख़ुदी ले उड़ी हवास कहीं
चाँदनी रात बड़ी देर के बा'द आई है
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
ये आलाम-ए-हस्ती ये दौर-ए-ज़माना
गरचे सौ बार ग़म-ए-हिज्र से जाँ गुज़री है