मेरा होना भी कोई होना है
मेरी हस्ती भी कोई हस्ती है
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शोर दिन को नहीं सोने देता
दिलों को तोड़ने वालो तुम्हें किसी से क्या
क़रीब-ए-नज़'अ भी क्यूँ चैन ले सके कोई
क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल
हमें ख़बर है वो मेहमान एक रात का है
ज़िंदगी किस तरह कटेगी 'सैफ़'
वफ़ा अंजाम होती जा रही है
राह आसान हो गई होगी
खोया पाने वालों ने
शायद तुम्हारे साथ भी वापस न आ सकें
दिल-ए-वीराँ को देखते क्या हो
ग़म-ए-दिल किसी से छुपाना पड़ेगा