सैफ़ुद्दीन सैफ़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सैफ़ुद्दीन सैफ़
नाम | सैफ़ुद्दीन सैफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Saifuddin Saif |
जन्म की तारीख | 1922 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
ज़िंदगी किस तरह कटेगी 'सैफ़'
ये आलाम-ए-हस्ती ये दौर-ए-ज़माना
उस मुसाफ़िर की नक़ाहत का ठिकाना क्या है
तुम ने दीवाना बनाया मुझ को
तुम को बेगाने भी अपनाते हैं मैं जानता हूँ
तुम्हारे ब'अद ख़ुदा जाने क्या हुआ दिल को
थकी थकी सी फ़ज़ाएँ बुझे बुझे तारे
शोर दिन को नहीं सोने देता
शायद तुम्हारे साथ भी वापस न आ सकें
'सैफ़' पी कर भी तिश्नगी न गई
'सैफ़' अंदाज़-ए-बयाँ रंग बदल देता है
रात गुज़रे न दर्द-ए-दिल ठहरे
क़रीब-ए-नज़'अ भी क्यूँ चैन ले सके कोई
फूल इस ख़ाक-दाँ के हम भी हैं
पास आए तो और हो गए दूर
मिरी दास्तान-ए-हसरत वो सुना सुना के रोए
मेरा होना भी कोई होना है
क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल
क्या क़यामत है हिज्र के दिन भी
कोई ऐसा अहल-ए-दिल हो कि फ़साना-ए-मोहब्बत
कितने अंजान हैं क्या सादगी से पूछते हैं
कैसे जीते हैं ये किस तरह जिए जाते हैं
कभी जिगर पे कभी दिल पे चोट पड़ती है
जिस दिन से भुला दिया है तू ने
जी नहीं आप से क्या मुझ को शिकायत होगी
हुस्न जल्वा दिखा गया अपना
हमें ख़बर है वो मेहमान एक रात का है
ग़म-गुसारो बहुत उदास हूँ मैं
दुश्मन गए तो कशमकश-ए-दोस्ती गई
दिल-ए-वीराँ को देखते क्या हो