सैफ़ ज़ुल्फ़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सैफ़ ज़ुल्फ़ी
नाम | सैफ़ ज़ुल्फ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Saif Zulfi |
जन्म की तारीख | 1934 |
मौत की तिथि | 1991 |
काग़ज़ पे उगल रहा है नफ़रत
एहसास में शदीद तलातुम के बावजूद
चिंगारियाँ न डाल मिरे दिल के घाव में
यादों की गूँज ज़ेहन से बाहर निकालिए
तन्हाई के शो'लों पे मचलने के लिए था
सीने की आग आतिश-ए-महशर हो जिस तरह
साए जो संग-ए-राह थे रस्ते से हट गए
ओढ़ी रिदा-ए-दर्द भी हालात की तरह
लहजे का रंग लफ़्ज़ की ख़ुश्बू भी देख ले
क्यूँ जल-बुझे कहीं तो गिरफ़्तार बोलते
कूफ़े के क़रीब हो गया है
इतने दुखी हैं हम को मसर्रत भी ग़म बने
दिल के शजर को ख़ून से गुलनार देख कर
बेचैन हूँ ख़ूँनाबा-फ़िशानी में घिरा हूँ
अश्कों में क़लम डुबो रहा है
अब क्या गिला करें कि मुक़द्दर में कुछ न था