Ghazals of Saif Bijnori
नाम | सैफ़ बिजनोरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Saif Bijnori |
वो पर्दा ज़ीनत-ए-दर के सिवा कुछ और नहीं
सुब्ह-ए-इशरत ज़िंदगी की शाम हो कर रह गई
मिला न दैर-ओ-हरम में कहीं निशाँ उन का
कोई मक़ाम नहीं हद्द-ए-ए'तिबार के बा'द
किस लुत्फ़ से महफ़िल में बिठाए गए हम लोग
कर के मसहूर मुझे चश्म-ए-करम से पहले