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दिल में रहना है परेशान ख़यालों का हुजूम - साइब आसमी कविता - Darsaal

दिल में रहना है परेशान ख़यालों का हुजूम

दिल में रहना है परेशान ख़यालों का हुजूम

और आँखों में क़यामत का समाँ रहता है

इश्क़ के राज़ को जितना में निहाँ रखता हूँ

ख़ामुशी से मिरी उतना ही अयाँ रहता है

रोता रहता हूँ किसी ग़म-ज़दा के रोने पर

और दिल-ए-मरकज़-ए-आलाम जहाँ रहता है

रिफ़अत-ए-फ़िक्र है हासिल मुझे उल्फ़त के तुफ़ैल

जो न ये हो तो कहाँ हुस्न-ए-बयाँ रहता है

लाला-कारी का सलीक़ा भी निगह को आया

आँसुओं की जगह अब ख़ून रवाँ रहता है

कश्ती-ए-ज़ीस्त है गिर्दाब-ए-बला में 'साइब'

आज-कल नाम-ए-ख़ुदा विर्द-ए-ज़बाँ रहता है

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In Hindi By Famous Poet Saib Asmi. is written by Saib Asmi. Complete Poem in Hindi by Saib Asmi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.